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Ghatshila By Election 2025: घाटशिला उपचुनाव में BJP ने बाबूलाल सोरेन पर खेला दांव — चंपाई सोरेन के बेटे को मिला टिकट

Ghatshila By Election 2025

Ghatshila By Election 2025: घाटशिला उपचुनाव में BJP ने बनाया बाबूलाल सोरेन को उम्मीदवार

रांची: झारखंड की सियासत में एक नई हलचल — भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने घाटशिला विधानसभा उपचुनाव (Ghatshila By Election 2025) के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में बाबूलाल सोरेन का नाम घोषित कर दिया है। खास बात यह है कि बाबूलाल सोरेन पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के पुत्र हैं और इससे पहले भी इसी सीट से चुनाव लड़ चुके हैं।

BJP की स्थानीय इकाई ने बुधवार को बाबूलाल सोरेन के नाम की आधिकारिक घोषणा की। पार्टी का मानना है कि बाबूलाल की क्षेत्र में मजबूत पकड़ और जनसमर्थन से घाटशिला सीट दोबारा भाजपा के खाते में जा सकती है।

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Babulal Soren Ghatshila

 

घाटशिला उपचुनाव 2025: मुकाबला फिर से BJP बनाम JMM

घाटशिला सीट (Ghatshila By Election 2025) पर इस बार भी मुकाबला सीधे तौर पर BJP और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के बीच रहने की संभावना है।
पिछले विधानसभा चुनाव में JMM के रामदास सोरेन ने बाबूलाल सोरेन को हराया था। उस वक्त रामदास को 98,356 वोट, जबकि बाबूलाल को 75,910 वोट मिले थे।

राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, यह उपचुनाव न सिर्फ घाटशिला बल्कि पूरे सिंहभूम इलाके की सियासी दिशा तय कर सकता है।

घाटशिला उपचुनाव 2025: चुनाव कार्यक्रम

चुनाव आयोग ने उपचुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है:

कुल 300 मतदान केंद्र और 218 मतदान स्थल बनाए गए हैं ताकि मतदान शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से हो सके।

घाटशिला उपचुनाव 2025: मतदाता प्रोफाइल

घाटशिला विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित है। यहां कुल 2,55,823 मतदाता हैं —

दिलचस्प बात यह है कि यहां महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है। लिंग अनुपात 1,048 है। साथ ही, 2,735 दिव्यांग मतदाता भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।

 

Ghatshila By Election 2025: घाटशिला का राजनीतिक इतिहास

घाटशिला सीट ने अब तक कई बार सियासी करवट ली है:

अब, यह उपचुनाव भाजपा के लिए “साख का सवाल” बन गया है। पार्टी चाहती है कि घाटशिला में अपने खोए जनाधार को फिर से हासिल करे।

BJP नेताओं का कहना है कि “बाबूलाल सोरेन का स्थानीय जुड़ाव और परिवार की राजनीतिक विरासत” इस बार पार्टी के लिए निर्णायक साबित हो सकती है। वहीं JMM इस सीट को किसी भी कीमत पर बरकरार रखना चाहता है।

📍निष्कर्ष:
घाटशिला उपचुनाव (Ghatshila By Election 2025) सिर्फ एक सीट की जंग नहीं है — यह झारखंड की दो बड़ी राजनीतिक ताकतों के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई है।
अब नज़रें 11 नवंबर पर टिकी हैं, जब जनता तय करेगी कि घाटशिला की बागडोर किसके हाथ में होगी — JMM के रामदास सोरेन या BJP के बाबूलाल सोरेन। अब भाजपा के लिए यह उपचुनाव घाटशिला सीट को फिर से अपने कब्जे में लेने की बड़ी चुनौती है। पार्टी को उम्मीद है कि बाबूलाल सोरेन की लोकप्रियता और संगठन की मजबूती से इस बार समीकरण उनके पक्ष में बन सकते हैं।

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