What is a solar eclipse and how does it occur? सूर्य ग्रहण क्या है और कैसे लगता है?
सूर्य ग्रहण (solar eclipse) तब होता है जब बिल्कुल सही समय पर चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है। इस लेख में सूर्य ग्रहण के बारे में सब कुछ जानेंगे।
How does an eclipse occur? ग्रहण कैसे लगता है?
- एक खगोलीय पिंड का दूसरे खगोलीय पिंड द्वारा पूर्ण या आंशिक रूप से अस्पष्ट हो जाना
- किसी खगोलीय पिंड की छाया में चले जाना
What Is a Solar Eclipse? सूर्यग्रहण क्या है?
सूर्य ग्रहण (solar eclipse) खगोल विज्ञान की एक अद्भुत घटना है, जिसमें सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाते हैं, जिससे सूर्य ढक जाता है या छुपा जाता है। इसका सीधा सा मतलब है कि चंद्रमा, पृथ्वी की परिक्रमा करते समय सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है, जिससे सूर्य छिप जाता है, जिससे सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती। यह घटना आमतौर पर अमावस्या के दिन होती है, जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आकर अपनी छाया पृथ्वी पर डालता है।
Types of Solar Eclipses: सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं
1. आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial solar eclipse): चंद्रमा सूर्य के केवल एक हिस्से को ढकता है। इसके परिणामस्वरूप सूर्य का कुछ भाग दिखाई देता है, जबकि ढका हुआ भाग अंधकारमय दिखाई देता है। आंशिक सूर्य ग्रहण सूर्य ग्रहण का सबसे आम प्रकार है।
2. वलयाकार सूर्य ग्रहण (Annular solar eclipse): चंद्रमा सूर्य को इस तरह से ढक लेता है कि सूर्य का बाहरी भाग दिखाई देता रहता है। यानी चंद्रमा सूर्य के केंद्र को ढक लेता है, लेकिन किनारे का भाग रिंग के रूप में चमकता रहता है। इस चमकती हुई वलयाकार भाग को लोकप्रिय रूप से “आग की अंगूठी” के रूप में भी जाना जाता है। वलयाकार सूर्यग्रहण, पूर्ण सूर्यग्रहण से अलग होता है, क्योंकि यह तब होता है जब चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी से अधिकतम दूरी के करीब होता है। यह ग्रहण का दूसरा सबसे आम प्रकार है।
3. पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total solar eclipse): चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य को ढक लेता है और पृथ्वी के कुछ हिस्सों पर दिन के समय अंधेरा छा जाता है। जैसा कि “पूर्ण” शब्द से पता चलता है, चंद्रमा कुछ मिनटों के लिए सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है, जिससे अंधकार की स्थिति उत्पन्न हो जाती है – और इस ग्रहण को पूर्ण सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
4. हाइब्रिड सूर्य ग्रहण (Hybrid solar eclipse): सभी ग्रहणों में सबसे दुर्लभ हाइब्रिड ग्रहण होता है, जो पूर्ण और वलयाकार ग्रहण के बीच बदलता रहता है। हाइब्रिड ग्रहण के दौरान पृथ्वी पर कुछ स्थानों पर चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेगा (पूर्ण ग्रहण), जबकि अन्य क्षेत्रों में वलयाकार ग्रहण दिखाई देगा।
How does a solar eclipse occur? सूर्य ग्रहण कैसे लगता है?
सूर्य ग्रहण (solar eclipse) तब लगता है जब चंद्रमा की कक्षा पृथ्वी और सूर्य के बीच इस तरह से आती है कि वह सूर्य को आंशिक या पूर्ण रूप से ढक लेता है। हालांकि, चंद्रमा हर अमावस्या को पृथ्वी और सूर्य के बीच आता है, लेकिन सूर्य ग्रहण हर बार नहीं होता। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चंद्रमा की कक्षा झुकी हुई होती है। जब चंद्रमा की कक्षा और पृथ्वी की कक्षा (क्रांति वृत्त) एक ही तल पर होती हैं, तभी सूर्य ग्रहण बनता है।
How to watch a solar eclipse: सूर्य ग्रहण को कैसे देखें
सूर्य ग्रहण (solar eclipse) को नंगी आँखों से न देखें। इससे आँखों को गंभीर नुकसान हो सकता है। स्वीकृत सोलर फ़िल्टर का उपयोग करें या जूते के डिब्बे में पिन होल काटें और पिन होल से होकर कार्डबोर्ड जैसी चिकनी सतह पर सूर्य की रोशनी को देखें। सूर्य ग्रहण का एकमात्र हिस्सा जिसे फ़िल्टर के बिना देखना सुरक्षित है, वह है संपूर्णता के दौरान का संक्षिप्त समय। अन्यथा सभी आंशिक सूर्य ग्रहणों को स्वीकृत फ़िल्टर की आवश्यकता होती है।
Religious and Scientific Views of Solar Eclipse: सूर्य ग्रहण के धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण
कई संस्कृतियों में सूर्य ग्रहण (solar eclipse) को धार्मिक और पौराणिक दृष्टिकोण से देखा गया है। वहीं, वैज्ञानिक इसे खगोलीय घटना मानते हैं। सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य को नंगी आंखों से देखना खतरनाक हो सकता है। इसीलिए विशेष चश्मों का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। सूर्य ग्रहण न केवल खगोलीय विज्ञान की समझ बढ़ाता है, बल्कि यह पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच के अद्भुत संबंध का भी प्रतीक है।