Jharkhand Administrative Service: झारखंड प्रशासनिक सेवा से अब 10 वर्ष में हो जाएंगे IAS में प्रमोट
अब झारखंड में जल्द ही झारखंड प्रशासनिक सेवा से सीधे SDO पद नियुक्ति होगी और ये अधिकारी सिर्फ 10 साल में ही IAS बन सकेंगे। अभी इस पद तक पहुंचने में झारखंड प्रशासनिक सेवा (JAS) के अधिकारियों को 15 से 17 साल लगते हैं। बिहार समेत कई राज्यों में प्रशासनिक अधिकारियों (डिप्टी कलेक्टर DC) के लिए प्रीमियर सेवा लागू है। अब झारखंड में भी इसे लागू करने की तैयारी की जा रही है।
Jharkhand Administrative Service: बिहार के तर्ज पर अब झारखंड में प्रीमियर सेवा का गठन
बिहार के तर्ज पर अब झारखंड में भी प्रीमियर सेवा का गठन होगा। बिहार में बिहार प्रशासनिक सेवा (BAS) को राज्य सरकार ने प्रीमियर सेवा का दर्जा दिया है। इसके पीछे यह उद्देश्य था कि बिहार प्रशासनिक सेवा का पुनर्गठन कर इस सेवा के सदस्यों को प्रशासन के उच्च पदों पर कम आयु में पदस्थापित किया जा सके और उन्हें कार्य करने का बेहतर अवसर दिया जा सके।
दरअसल, बिहार की तर्ज पर प्रीमियर सेवा लागू करने का प्रस्ताव पहले तैयार हुआ था। लेकिन, फिर यह ठंडे बस्ते में चला गया। बार-बार मांग होने पर विचार के लिए एक कमेटी बनी। मुख्य सचिव के स्तर पर अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में तय हुआ कि इस पर विचार कर लिया जाए।
Jharkhand Administrative Service: झारखंड प्रशासनिक सेवा के संघ के महासचिव में विरोध किया
तो वहीं झारखंड प्रशासनिक सेवा (JAS) के संघ के महासचिव राहुल कुमार ने कहा है कि चुनाव से पहले हमलोगों ने इस मुद्दे को उठाया था, इस पर विचार हो रहा है। लागू करना सरकार का काम है। इसमें कई विभाग हैं, इसलिए बैठक में देर हो रही है। बिहार की नियमावली में कई गड़बड़ियां हैं। झारखंड सरकार के कुछ अधिकारी बिहार की नियमावली को लागू करना चाहते है, जो सही नहीं है। हमलोग चाहते हैं कि बेहतर ढ़ंग से समीक्षा कर इसे लागू किया जाए। हड़बड़ी में और गड़बड़ी न हो जाए।
Jharkhand Administrative Service: नियमावली नहीं बनने से झारखंड के अधिकारियों को हो रहा है नुकसान
नियमावली नहीं बनने से झारखंड प्रशासनिक सेवा (JAS) के अधिकारियों को आईएएस रैंक के प्रमोशन में समय लग रहा है। प्रीमियर सेवा नहीं होने से उन्हें नुकसान हो रहा है। पुलिस सेवा में सीधे डीएसपी पद पर नियुक्ति होती है। वहां 10 साल नौकरी के बाद अधिकारी एसपी बन जाते हैं। लेकिन, डिप्टी कलेक्टर में BDO-CO पद पर ही 15-17 साल गुजर जाते हैं। उसके बाद अनुमंडल स्तर पर प्रमोशन होता है। कई अधिकारी डीसी नहीं बन पाते हैं। डिप्टी कलेक्टर की बहाली अनुमंडल पदाधिकारी के स्तर से हो, तो ऐसे अधिकारियों के आईएएस बनने का सपना 10-12 साल में पूरा हो सकता है।
Jharkhand Administrative Service: झारखंड प्रशासनिक सेवा संवर्ग का पुनर्गठन कर प्रीमियर सेवा का गठन होगा
परंतु, अब राज्य में झारखंड प्रशासनिक सेवा संवर्ग का पुनर्गठन कर प्रीमियर सेवा का गठन किया जायेगा। इसके साथ ही पदों की फिर से संरचना तैयार की जायेगी। वहीं प्रखंड और अंचल में पदस्थापन के लिए झारखंड राजस्व सेवा और झारखंड ग्रामीण विकास सेवा का गठन होगा। इस पर विचार कर राज्य सरकार को इसके लिए अनुशंसा करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है।
Jharkhand Administrative Service: कमेटी तीन माह में अनुशंसा राज्य सरकार को सौंपेगी
कार्मिक, प्रशासनिक सुधार विभाग ने इस कमेटी में सदस्य के रूप में विकास आयुक्त के साथ ही वित्त विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग तथा कार्मिक, प्रशासनिक सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव जो भी हैं, उन्हें रखा है। कमेटी तीन माह में अपनी अनुशंसा राज्य सरकार को सौंपेगी।
Jharkhand Administrative Service: झारखंड प्रशासनिक सेवा से सीधे SDO पद नियुक्ति
कार्मिक की ओर से जारी संकल्प में लिखा गया है कि झारखंड प्रशासनिक सेवा (JAS)के अफसर काफी उम्र होने पर SDO या समकक्ष पद, ADM, संयुक्त सचिव, अपर सचिव, विशेष सचिव या IAS में प्रोन्नत होते हैं। ऐसे में क्षेत्रीय प्रशासन के लिए युवा और मेहनती अफसर की कमी हो रही है। इसका समाधान है कि उन्हें पहली नियुक्ति के अवसर पर SDO या समकक्ष स्तर का पद दिया जाये। इससे वे ऊंचे पदों पर जा सकेंगे। इस स्थिति में सुपरवाइजर स्तर के अधिकारी प्रोन्नत होकर प्रखंडों और अंचलों में BDO तथा CO का पद संभाल सकेंगे। वही कार्यपालक दंडाधिकारी के पद पर रह सकेंगे।
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