एनोस एक्का (Enos Ekka Case): जमीन घोटाले से लेकर मनी लॉन्ड्रिंग तक, जानें 2006 से 2025 तक का सफर
झारखंड के पूर्व मंत्री एनोस एक्का एक बार फिर सुर्खियों में हैं। झारखंड के बहुचर्चित CNT एक्ट उल्लंघन मामले में शनिवार को CBI के विशेष अदालत ने उन्हें और उनकी पत्नी मेनन एक्का को CNT एक्ट उल्लंघन से जुड़े जमीन घोटाले मामले में 7-7 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। यह चौथा मामला है, जिसमें एनोस एक्का को दोषी करार दिया गया है। इससे पहले वे पारा-शिक्षक हत्या कांड, मनी लॉन्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति मामलों में भी सजा पा चुके हैं।
इसके अलावा रांची के तत्कालीन LRDC (भूमि सुधार उपसमाहर्ता) कार्तिक कुमार प्रभात समेत 4 को लोगों को 5-5 साल की सजा सुनाई गई है।कोर्ट ने साफ किया कि अगर दोषी जुर्माना जमा नहीं करते हैं, तो उन्हें एक साल अतिरिक्त जेल की सजा भुगतनी होगी।
CBI के विशेष न्यायाधीश SN तिवारी की अदालत ने शुक्रवार को हुए सुनवाई में 15 साल पुराने मामले में CNT एक्ट का उल्लंघन कर बड़े पैमाने पर आदिवासी जमीन खरीदने के मामले में एनोस एक्का, उनकी पत्नी और रांची के तत्कालीन LRDC सहित 10 को दोषी करार दिया था।
Enos Ekka Case Highlights: झारखंड के पूर्व मंत्री एनोस एक्का अब पत्नी संग खाएंगे जेल की हवा
शनिवार को सभी दोषियों की सजा की बिंदु पर सुनवाई हुई। सभी दोषियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीबीआई कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। झारखंड के पूर्व मंत्री एनोस एक्का (Enos Ekka Case) और उनकी पत्नी मेनन एक्का को 7-7साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने दोषियों पर 1-1 लाख का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अगर दोषी जुर्माना की राशि जमा नहीं करते हैं तो उन्हें 1-1 वर्ष अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
आइए जानते हैं, कैसे 2006 से लेकर 2025 तक यह केस चला और किन-किन मुकदमों ने एनोस एक्का की राजनीति को हिला दिया।
2006–2008: जमीन की खरीद-बिक्री का खेल
- मंत्री रहते हुए एनोस एक्का पर आरोप लगा कि उन्होंने CNT एक्ट का उल्लंघन कर आदिवासी जमीन खरीदी।
- पत्नी मेनन एक्का के नाम पर हिनू, ओरमांझी, नेवरी और चुटिया इलाके में कई जमीनें खरीदी गईं।
2009–2014: आरोपों की बौछार
- 2009: धनशोधन (Money Laundering) का मामला दर्ज।
- 2010: हाई कोर्ट के निर्देश पर CBI जांच शुरू।
- 2012: CBI ने चार्जशीट दाखिल की।
- 2014: पारा-शिक्षक मनोज कुमार की हत्या में एनोस एक्का की गिरफ्तारी।
2015–2018: गिरफ्तारी और पहली सजा
- 2015: हत्या मामले में गिरफ्तारी और ट्रायल।
- 2018: सीमडेगा की अदालत ने पारा-शिक्षक हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
- इसी साल disproportionate assets (आय से अधिक संपत्ति) मामले में भी गिरफ्तारी हुई।
2019–2021: CBI और ED की कार्रवाई
- 2019: हाई कोर्ट से हत्या मामले में जमानत।
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2020:
- फरवरी: आय से अधिक संपत्ति मामले में 7 साल की सजा और 50 लाख का जुर्माना।
- अप्रैल: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 7 साल की सजा और 2 करोड़ का जुर्माना।
- 2021: ED ने लगभग 22.38 करोड़ की संपत्ति अटैच की।
2023: सुप्रीम कोर्ट की जमानत
- अप्रैल 2023: सुप्रीम कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में जमानत दी।
2025: चौथा केस और सजा
- 29 अगस्त 2025: रांची की CBI कोर्ट ने जमीन घोटाले (CNT एक्ट उल्लंघन) में दोषी करार दिया।
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30 अगस्त 2025:
- एनोस एक्का और पत्नी मेनन एक्का को 7 साल सश्रम कारावास।
- LRDC कार्तिक प्रभात को 4 साल की सजा।
- सभी पर 1-1 लाख जुर्माना।
करीब 19 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद एनोस एक्का अब चौथे केस में सजा पाए हैं। एक समय झारखंड की राजनीति में उनका बड़ा कद था, लेकिन लगातार कानूनी मामलों और सजा के चलते उनका राजनीतिक करियर लगभग समाप्त हो चुका है।
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एनोस एक्का (Enos Ekka Case) : रांची के पूर्व LRDC कार्तिक प्रभात को 4 वर्ष की सजा
CBI के बयान में कहा गया, “LRDC (भूमि सुधार उपसमाहर्ता), उनके कर्मचारी और सर्कल अधिकारी मेनन और एनोस एक्का के साथ मिलीभगत में थे। तथ्यों के बावजूद उन्होंने ज़मीन हस्तांतरण की अनुशंसा की। LRDC ने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से अनुकूल रिपोर्ट तैयार कराई और जमीन हस्तांतरण को मंजूरी दी।” जांच पूरी होने के बाद CBI ने 10 दिसंबर 2012 को 16 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।

एनोस एक्का (Enos Ekka Case): मंत्री रहते खरीदी थी आदिवासी जमीन, क्या थे आरोप?
एजेंसी ने आरोप लगाया कि वर्ष 2006 से 2008 के बीच एनोस एक्का ने अपनी पत्नी मेनन एक्का के नाम पर रांची में बड़ी मात्रा में ज़मीन खरीदी थी। जिसमें एनोस एक्का मंत्री रहते हुए पद का दुरुपयोग किया और फर्जी पते का इस्तेमाल कर आदिवासी जमीन खरीदी। इस दौरान तत्कालीन LRDC कार्तिक प्रभात ने उनकी मदद की। इन ज़मीनों की खरीद पर 1.18 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए थे। CBI के अनुसार, यह ज़मीन अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों से खरीदी गई थी, जो भूमि संरक्षण कानूनों का स्पष्ट उल्लंघन था।
Enos Ekka Case: जांच में सामने आया कि प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर जमीन की खरीद-बिक्री की गई थी।
- हिनू में 22 कट्ठा
- ओरमांझी में 12 एकड़ से अधिक,
- रांची के नेवरी में 4 एकड़ से अधिक,
- चुटिया के सिरम टोली मौजा में 9 डिसमिल
CBI द्वारा लगाए गए सभी आरोप कोर्ट में सिद्ध हो गए। अदालत के अनुसार, एनोस एक्का ने अपनी पत्नी मेनन एक्का के नाम पर मार्च 2006 से मई 2008 के बीच कई जगहों पर जमीन खरीदी थी, यह सभी खरीदारी सीएनटी एक्ट का उल्लंघन करते हुए की गई, जिसमें अधिकारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर लेन-देन हुआ।
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Enos Ekka Case: एनोस पहले भी कई मामलों में दोषी
गौरतलब है कि एनोस एक्का (Enos Ekka Case) पहले भी पारा टीचर हत्याकांड, मनी लॉन्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति के मामलों में दोषी करार दिए जा चुके हैं। यह चौथा मामला है, जिसमें उन्हें सजा सुनाई गई है।
2020 में मनी लॉन्ड्रिंग केस: रांची की एक अदालत ने एनोस एक्का को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के आधार पर सात साल की सश्रम कैद की सजा सुनाई थी। यह फैसला न्यायाधीश अनिल मिश्रा ने सुनाया था। एक्का को धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 4 के तहत दोषी पाया गया था।
2018 में हत्या का मामला: एनोस एक्का को परा-शिक्षक मनोज कुमार की हत्या के मामले में भी दोषी ठहराया गया था। इस केस में उन्हें 2014 में गिरफ्तार किया गया था और जुलाई 2018 में अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी थी।
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